2 और उसके दाम में से कुछ रख छोड़ा; और यह बात उस की पत्नी भी जानती थी, और उसका एक भाग लाकर प्रेरितों के पावों के आगे रख दिया।
3 परन्तु पतरस ने कहा; हे हनन्याह! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली है कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े?
4 जब तक वह तेरे पास रही, क्या तेरी न थी? और जब बिक गई तो क्या तेरे वश में न थी? तू ने यह बात अपने मन में क्यों विचारी? तू मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला।
5 ये बातें सुनते ही हनन्याह गिर पड़ा, और प्राण छोड़ दिए; और सब सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया।
6 फिर जवानों ने उठकर उसकी अर्थी बनाई और बाहर ले जाकर गाढ़ दिया॥
7 लगभग तीन घंटे के बाद उस की पत्नी, जो कुछ हुआ था न जानकर, भीतर आई।
8 तब पतरस ने उस से कहा; मुझे बता क्या तुम ने वह भूमि इतने ही में बेची थी? उस ने कहा; हां, इतने ही में।