1 सारा तो एक सौ सत्ताईस बरस की अवस्था को पहुंची; और जब सारा की इतनी अवस्था हुई;
2 तब वह किर्यतर्बा में मर गई। यह तो कनान देश में है, और हेब्रोन भी कहलाता है: सो इब्राहीम सारा के लिये रोने पीटने को वहां गया।
3 तब इब्राहीम अपने मुर्दे के पास से उठ कर हित्तियों से कहने लगा,
4 मैं तुम्हारे बीच पाहुन और परदेशी हूं: मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मुर्दे को गाड़ के अपने आंख की ओट करूं।
5 हित्तियों ने इब्राहीम से कहा,