16 और बकरियों के बच्चों की खालों को उसके हाथों में और उसके चिकने गले में लपेट दिया।
17 और वह स्वादिष्ट भोजन और अपनी बनाई हुई रोटी भी अपने पुत्र याकूब के हाथ में दे दी।
18 सो वह अपने पिता के पास गया, और कहा, हे मेरे पिता: उसने कहा क्या बात है? हे मेरे पुत्र, तू कौन है?
19 याकूब ने अपने पिता से कहा, मैं तेरा जेठा पुत्र ऐसाव हूं। मैं ने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; सो उठ और बैठ कर मेरे अहेर के मांस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे।
20 इसहाक ने अपने पुत्र से कहा, हे मेरे पुत्र, क्या कारण है कि वह तुझे इतनी जल्दी मिल गया? उसने यह उत्तर दिया, कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उसको मेरे साम्हने कर दिया।
21 फिर इसहाक ने याकूब से कहा, हे मेरे पुत्र, निकट आ, मैं तुझे टटोल कर जानूं, कि तू सचमुच मेरा पुत्र ऐसाव है या नहीं।
22 तब याकूब अपने पिता इसहाक के निकट गया, और उसने उसको टटोल कर कहा, बोल तो याकूब का सा है, पर हाथ ऐसाव ही के से जान पड़ते हैं।