13 क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है॥
14 यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैं ने इसको चाहा है।
15 मैं इस में की भोजन वस्तुओं पर अति आशीष दूंगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूंगा।
16 इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहिनाऊंगा, और इसके भक्त लोग ऊंचे स्वर से जयजयकार करेंगे।
17 वहां मैं दाऊद के एक सींग उगाऊंगा; मैं ने अपने अभिषिक्त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है।
18 मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहिनाऊंगा, परन्तु उस के सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा॥