8 हे देश देश के लोगो, हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ,
9 जो हम को जीवित रखता है; और हमारे पांव को टलने नहीं देता।
10 क्योंकि हे परमेश्वर तू ने हम को जांचा; तू ने हमें चान्दी की नाईं ताया था।
11 तू ने हम को जाल में फंसाया; और हमारी कटि पर भारी बोझ बान्धा था;
12 तू ने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया, हम आग और जल से होकर गए; परन्तु तू ने हम को उबार के सुख से भर दिया है॥
13 मैं होमबलि लेकर तेरे भवन में आऊंगा मैं उन मन्नतों को तेरे लिये पूरी करूंगा,
14 जो मैं ने मुंह खोलकर मानीं, और संकट के समय कही थीं।