11 कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥
पूरा अध्याय पढ़ें प्रकाशित वाक्य 4
देखें संदर्भ में प्रकाशित वाक्य 4:11