22 और लोग पुकार उठे, कि यह तो मनुष्य का नहीं परमेश्वर का शब्द है।
23 उसी झण प्रभु के एक स्वर्गदूत ने तुरन्त उसे मारा, क्योंकि उस ने परमेश्वर की महिमा नहीं की और वह कीड़े पड़ के मर गया॥
24 परन्तु परमेश्वर का वचन बढ़ता और फैलता गया॥
25 जब बरनबास और शाऊल अपनी सेवा पूरी कर चुके, तो यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है साथ लेकर यरूशलेम से लौटे॥