मरकुस 11:16-22 HHBD

16 और मन्दिर में से होकर किसी को बरतन लेकर आने जाने न दिया।

17 और उपदेश करके उन से कहा, क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है।

18 यह सुनकर महायाजक और शास्त्री उसके नाश करने का अवसर ढूंढ़ने लगे; क्योंकि उस से डरते थे, इसलिये कि सब लोग उसके उपदेश से चकित होते थे॥

19 और प्रति दिन सांझ होते ही वह नगर से बाहर जाया करता था।

20 फिर भोर को जब वे उधर से जाते थे तो उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ तक सूखा हुआ देखा।

21 पतरस को वह बात स्मरण आई, और उस ने उस से कहा, हे रब्बी, देख, यह अंजीर का पेड़ जिसे तू ने स्राप दिया था सूख गया है।

22 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि परमेश्वर पर विश्वास रखो।