3 मैं अपने ज्ञान की बात दूर से ले आऊंगा, और अपने सिरजनहार को धमीं ठहराऊंगा।
4 निश्चय मेरी बातें झूठी न होंगी, वह जो तेरे संग है वह पूरा ज्ञानी है।
5 देख, ईश्वर सामथीं है, और किसी को तुच्छ नहीं जानता; वह समझने की शक्ति में समर्थ है।
6 वह दुष्टों को जिलाए नहीं रखता, और दीनों को उनका हक देता है।
7 वह धर्मियों से अपनी आंखें नहीं फेरता, वरन उन को राजाओं के संग सदा के लिये सिंहासन पर बैठाता है, और वे ऊंचे पद को प्राप्त करते हैं।
8 ओर चाहे वे बेडिय़ों में जकड़े जाएं और दु:ख की रस्सियों से बान्धे जाएं,
9 तौभी ईश्वर उन पर उनके काम, और उनका यह अपराध प्रगट करता है, कि उन्होंने गर्व किया है।