अय्यूब 5:10-16 HHBD

10 वही पृथ्वी के ऊपर वर्षा करता, और खेतों पर जल बरसाता है।

11 इसी रीति वह नम्र लोगों को ऊंचे स्थान पर बिठाता है, और शोक का पहिरावा पहिने हुए लोग ऊंचे पर पहुँचकर बचते हैं।

12 वह तो धूर्त्त लोगों की कल्पनाएं व्यर्थ कर देता है, और उनके हाथों से कुछ भी बन नहीं पड़ता।

13 वह बुद्धिमानों को उनकी धूर्त्तता ही में फंसाता है; और कुटिल लोगों की युक्ति दूर की जाती है।

14 उन पर दिन को अन्धेरा छा जाता है, और दिन दुपहरी में वे रात की नाईं टटोलते फिरते हैं।

15 परन्तु वह दरिद्रों को उनके वचनरुपी तलवार से और बलवानों के हाथ से बचाता है।

16 इसलिये कंगालों को आशा होती है, और कुटिल मनुष्यों का मुंह बन्द हो जाता है।