11 याकूब ने अपनी माता रिबका से कहा, सुन, मेरा भाई ऐसाव तो रोंआर पुरूष है, और मैं रोमहीन पुरूष हूं।
12 कदाचित मेरा पिता मुझे टटोलने लगे, तो मैं उसकी दृष्टि में ठग ठहरूंगा; और आशीष के बदले शाप ही कमाऊंगा।
13 उसकी माता ने उससे कहा, हे मेरे, पुत्र, शाप तुझ पर नहीं मुझी पर पड़े, तू केवल मेरी सुन, और जा कर वे बच्चे मेरे पास ले आ।
14 तब याकूब जा कर उन को अपनी माता के पास ले आया, और माता ने उसके पिता की रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बना दिया।
15 तब रिबका ने अपने पहिलौठे पुत्र ऐसाव के सुन्दर वस्त्र, जो उसके पास घर में थे, ले कर अपने लहुरे पुत्र याकूब को पहिना दिए।
16 और बकरियों के बच्चों की खालों को उसके हाथों में और उसके चिकने गले में लपेट दिया।
17 और वह स्वादिष्ट भोजन और अपनी बनाई हुई रोटी भी अपने पुत्र याकूब के हाथ में दे दी।