36 और वह भोजनवस्तु अकाल के उन सात वर्षों के लिये, जो मिस्र देश में आएंगे, देश के भोजन के निमित्त रखी रहे, जिस से देश उस अकाल से स्त्यानाश न हो जाए।
37 यह बात फिरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी।
38 सो फिरौन ने अपने कर्मचारियोंसे कहा, कि क्या हम को ऐसा पुरूष जैसा यह है, जिस में परमेश्वर का आत्मा रहता है, मिल सकता है?
39 फिर फिरौन ने यूसुफ से कहा, परमेश्वर ने जो तुझे इतना ज्ञान दिया है, कि तेरे तुल्य कोई समझदार और बुद्धिमान् नहीं;
40 इस कारण तू मेरे घर का अधिकारी होगा, और तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी, केवल राजगद्दी के विषय मैं तुझ से बड़ा ठहरूंगा।
41 फिर फिरौन ने यूसुफ से कहा, सुन, मैं तुझ को मिस्र के सारे देश के ऊपर अधिकारी ठहरा देता हूं
42 तब फिरौन ने अपने हाथ से अंगूठी निकाल के यूसुफ के हाथ में पहिना दी; और उसको बढिय़ा मलमल के वस्त्र पहिनवा दिए, और उसके गले में सोने की जंजीर डाल दी;