7 नूह अपने पुत्रों, पत्नी और बहुओं समेत, जलप्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।
8 और शुद्ध, और अशुद्ध दोनो प्रकार के पशुओं में से, पक्षियों,
9 और भूमि पर रेंगने वालों में से भी, दो दो, अर्थात नर और मादा, जहाज में नूह के पास गए, जिस प्रकार परमेश्वर ने नूह को आज्ञा दी थी।
10 सात दिन के उपरान्त प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा।
11 जब नूह की अवस्था के छ: सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्तरहवां दिन आया; उसी दिन बड़े गहिरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।
12 और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही।
13 ठीक उसी दिन नूह अपने पुत्र शेम, हाम, और येपेत, और अपनी पत्नी, और तीनों बहुओं समेत,