दानिय्येल 11:24-30 HHBD

24 चैन के समय वह प्रान्त के उत्तम से उत्तम स्थानों पर चढ़ाई करेगा; और जो काम न उसके पुरखा और न उसके पुरखाओं के पुरखा करते थे, उसे वह करेगा; और लूटी हुई धन-सम्पत्ति उन में बहुत बांटा करेगा। वह कुछ काल तक दृढ़ नगरों के लेने की कल्पना करता रहेगा।

25 तब वह दक्खिन देश के राजा के विरुद्ध बड़ी सेना लिए हुए अपने बल और हियाव को बढ़ाएगा, और दक्खिन देश का राजा अत्यन्त बड़ी सामर्थी सेना लिए हुए युद्ध तो करेगा, परन्तु ठहर न सकेगा, क्योंकि लोग उसके विरुद्ध कल्पना करेंगे।

26 उसके भोजन के खाने वाले भी उसको हरवाएंगे; और यद्यपि उसकी सेना बाढ़ की नाईं चढ़ेगी, तौभी उसके बहुत से लोग मर मिटेंगे।

27 तब उन दोनों राजाओं के मन बुराई करने में लगेंगे, यहां तक कि वे एक ही मेज पर बैठे हुए आपस में झूठ बोलेंगे, परन्तु इस से कुछ बन न पड़ेगा; क्योंकि इन सब बातों का अन्त नियत ही समय में होने वाला है।

28 तब उत्तर देश का राजा बड़ी लूट लिए हुए अपने देश को लौटेगा, और उसका मन पवित्र वाचा के विरुद्ध उभरेगा, और वह अपनी इच्छ पूरी कर के अपने देश को लौट जाएगा॥

29 नियत समय पर वह फिर दक्खिन देश की ओर जाएगा, परन्तु उस पिछली बार के समान इस बार उसका वश न चलेगा।

30 क्योंकि कित्तियों के जहाज उसके विरुद्ध आएंगे, और वह उदास हो कर लौटेगा, और पवित्र वाचा पर चिढ़ कर अपनी इच्छा पूरी करेगा। वह लौट कर पवित्र वाचा के तोड़ने वालों की सुधि लेगा।