निर्गमन 26:8-14 HHBD

8 एक एक परदे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों परदे एक ही नाप के हों।

9 और पांच परदे अलग और फिर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छटवें परदे को तम्बू के साम्हने मोड़ कर दुहरा कर देना।

10 और तू पचास अंकड़े उस परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना।

11 और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फलियों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक ही हो जाए।

12 और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे।

13 और तम्बू के परदों की लम्बाई में से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास के ढांकने के लिये उसकी दोनों अलंगों पर लटका हुआ रहे।

14 फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना॥