11 और मेंढक तेरे पास से, और तेरे घरों में से, और तेरे कर्मचारियोंऔर प्रजा के पास से दूर हो कर केवल नील नदी में रहेंगे।
12 तब मूसा और हारून फिरौन के पास से निकल गए; और मूसा ने उन मेंढकों के विषय यहोवा की दोहाई दी जो उसने फिरौन पर भेजे थे।
13 और यहोवा ने मूसा के कहने के अनुसार किया; और मेंढक घरों, आंगनों, और खेतों में मर गए।
14 और लोगों ने इकट्ठे करके उनके ढेर लगा दिए, और सारा देश दुर्गन्ध से भर गया।
15 परन्तु जब फिरोन ने देखा कि अब आराम मिला है तक यहोवा के कहने के अनुसार उसने फिर अपने मन को कठोर किया, और उनकी न सुनी॥
16 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून को आज्ञा दे, कि तू अपनी लाठी बढ़ाकर भूमि की धूल पर मार, जिस से वह मिस्र देश भर में कुटकियां बन जाएं।
17 और उन्होंने वैसा ही किया; अर्थात हारून ने लाठी को ले हाथ बढ़ाकर भूमि की धूल पर मारा, तब मनुष्य और पशु दोनों पर कुटकियां हो गई वरन सारे मिस्र देश में भूमि की धूल कुटकियां बन गई।