1 जब तू किसी हाकिम के संग भोजन करने को बैठे, तब इस बात को मन लगा कर सोचना कि मेरे साम्हने कौन है?
2 और यदि तू खाऊ हो, तो थोड़ा खा कर भूखा उठ जाना।
3 उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा न करना, क्योंकि वह धोखे का भोजन है।
4 धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना।