5 क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊंट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उस में आया करते थे।
6 और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी॥
7 जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दोहाई दी,
8 तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा, जिसने उन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया;
9 और मैं ने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन जितने तुम पर अन्धेर करते थे उन सभों के हाथ से छुड़ाया, और उन को तुम्हारे साम्हने से बरबस निकाल कर उनका देश तुम्हें दे दिया;
10 और मैं ने तुम से कहा, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना। परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना॥
11 फिर यहोवा का दूत आकर उस बांजवृझ के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूं इसलिये झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे।