2 और अपने दास से मुकद्दमा न चला! क्योंकि कोई प्राणी तेरी दृष्टि में निर्दोष नहीं ठहर सकता॥
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 143
देखें संदर्भ में भजन संहिता 143:2