6 वह घास की खूंटी पर बरसने वाले मेंह, और भूमि सींचने वाली झाड़ियों के समान होगा।
7 उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी॥
8 वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करेगा।
9 उसके साम्हने जंगल के रहने वाले घुटने टेकेंगे, और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।
10 तर्शीश और द्वीप द्वीप के राजा भेंट ले आएंगे, शेबा और सबा दोनों के राजा द्रव्य पहुंचाएंगे।
11 सब राजा दण्डवत करेंगे, जाति जाति के लोग उसके आधीन हो जाएंगे॥
12 क्योंकि वह दोहाई देने वाले दरिद्र को, और दु:खी और असहाय मनुष्य का उद्धार करेगा।