18 बवणडर में तेरे गरजने का शब्द सुन पड़ा था; जगत बिजली से प्रकाशित हुआ; पृथ्वी कांपी और हिल गई।
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 77
देखें संदर्भ में भजन संहिता 77:18