यशायाह 41:6-12 HHBD

6 वे एक दूसरे की सहायता करते हैं और उन में से एक अपने भाई से कहता है, हियाव बान्ध!

7 बढ़ई सोनार को और हथौड़े से बराबर करने वाला निहाई पर मारने वाले को यह कहकर हियाव बन्धा रहा है, जोड़ तो अच्छी है, सो वह कील ठोंक ठोंककर उसको ऐसा दृढ़ करता है कि वह स्थिर रहे॥

8 हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;

9 तू जिसे मैं ने पृथ्वी के दूर दूर देशों से लिया और पृथ्वी की छोर से बुला कर यह कहा, तू मेरा दास है, मैं ने तुझे चुना है और तजा नहीं;

10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा॥

11 देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश हो कर मिट जाएंगे।

12 जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पएगा; जो तुझ से युद्ध करते हैं वे नाश हो कर मिट जाएंगे।