यिर्मयाह 18:16-22 HHBD

16 इस से उनका देश ऐसा उजाड़ हो गया है कि लोग उस पर सदा ताली बजाते रहेंगे; और जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा और सिर हिलाएगा।

17 मैं उन को पुरवाई से उड़ाकर शत्रु के साम्हने से तितर-बितर कर दूंगा। उनकी विपत्ति के दिन मैं उन को मुंह नहीं परन्तु पीठ दिखाऊंगा।

18 तब वे कहने लगे, चलो, यिर्मयाह के विरुद्ध युक्ति करें, क्योंकि न याजक से व्यवस्था, न ज्ञानी से सम्मति, न भविष्यद्वक्ता से वचन दूर होंगे। आओ, हम उसकी कोई बात पकड़ कर उसको नाश कराएं और फिर उसकी किसी बात पर ध्यान न दें।

19 हे यहोवा, मेरी ओर ध्यान दे, और जो लोग मेरे साथ झगड़ते हैं उनकी बातें सुन।

20 क्या भलाई के बदले में बुराई का व्यवहार किया जाए? तू इस बात का स्मरण कर कि मैं उनकी भलाई के लिये तेरे साम्हने प्रार्थना करने को खड़ा हुआ जिस से तेरी जलजलाहट उन पर से उतर जाए, और अब उन्होंने मेरे प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।

21 इसलिये उनके लड़के-बालों को भूख से मरने दे, वे तलवार से कट मरें, और उनकी स्त्रियां निर्वंश और विधवा हो जाएं। उनके पुरुष मरी से मरें, और उनके जवान लड़ाई में तलवार से मारे जाएं।

22 जब तू उन पर अचानक शत्रुदल चढ़ाए, तब उनके घरों से चिल्लाहट सुनाईं दे! क्योंकि उन्होंने मेरे लिये गड़हा खोदा और मेरे फंसाने को फन्दे लगाए हैं।