14 और आठवें दिन वह दो पंडुक वा कबूतरी के दो बच्चे ले कर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सम्मुख जा कर उन्हें याजक को दे।
15 तब याजक उन में से एक को पापबलि; और दूसरे को होमबलि के लिये भेंट चढ़ाए; और याजक उसके लिये उसके प्रमेह के कारण यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे॥
16 फिर यदि किसी पुरूष का वीर्य्य स्खलित हो जाए, तो वह अपने सारे शरीर को जल से धोए, और सांझ तक अशुद्ध रहे।
17 और जिस किसी वस्त्र वा चमड़े पर वह वीर्य्य पड़े वह जल से धोया जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे।
18 और जब कोई पुरूष स्त्री से प्रसंग करे, तो वे दोनो जल से स्नान करें, और सांझ तक अशुद्ध रहें॥
19 फिर जब कोई स्त्री ऋतुमती रहे, तो वह सात दिन तक अशुद्ध ठहरी रहे, और जो कोई उसको छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे।
20 और जब तक वह अशुद्ध रहे तब तक जिस जिस वस्तु पर वह लेटे, और जिस जिस वस्तु पर वह बैठे वे सब अशुद्ध ठहरें।