21 और हारून अपने दोनों हाथों को जीवित बकरे पर रखकर इस्त्राएलियों के सब अधर्म के कामों, और उनके सब अपराधों, निदान उनके सारे पापों को अंगीकार करे, और उन को बकरे के सिर पर धरकर उसको किसी मनुष्य के हाथ जो इस काम के लिये तैयार हो जंगल में भेज के छुड़वा दे।
22 और वह बकरा उनके सब अधर्म के कामों को अपने ऊपर लादे हुए किसी निराले देश में उठा ले जाएगा; इसलिये वह मनुष्य उस बकरे को जंगल में छोड़े दे।
23 तब हारून मिलापवाले तम्बू में आए, और जिस सनी के वस्त्रों को पहिने हुए उसने पवित्रस्थान में प्रवेश किया था उन्हें उतारकर वहीं पर रख दे।
24 फिर वह किसी पवित्र स्थान में जल से स्नान कर अपने निज वस्त्र पहिन ले, और बाहर जा कर अपने होमबलि और साधारण जनता के होमबलि को चढ़ाकर अपने और जनता के लिये प्रायश्चित्त करे।
25 और पापबलि की चरबी को वह वेदी पर जलाए।
26 और जो मनुष्य बकरे को अजाजेल के लिये छोड़कर आए वह भी अपने वस्त्रों को धोए, और जल से स्नान करे, और तब वह छावनी में प्रवेश करे।
27 और पापबलि का बछड़ा और पापबलि का बकरा भी जिनका लोहू पवित्रस्थान में प्रायश्चित्त करने के लिये पहुंचाया जाए वे दोनों छावनी से बाहर पहुंचाए जाएं; और उनका चमड़ा, मांस, और गोबर आग में जला दिया जाए।