18 कोई क्यों न हो जिस में दोष हो वह समीप न आए, चाहे वह अन्धा हो, चाहे लंगड़ा, चाहे नकचपटा हो, चाहे उसके कुछ अधिक अंग हो,
19 वा उसका पांव, वा हाथ टूटा हो,
20 वा वह कुबड़ा, वा बौना हो, वा उसकी आंख में दोष हो, वा उस मनुष्य के चाईं वा खजुली हो, वा उसके अंड पिचके हों;
21 हारून याजक के वंश में से जिस किसी में कोई भी दोष हो वह यहोवा के हव्य चढ़ाने के लिये समीप न आए; वह जो दोषयुक्त है कभी भी अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए।
22 वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन को खाए,
23 परन्तु उसके दोष के कारण वह न तो बीच वाले पर्दे के भीतर आए और न वेदी के समीप, जिस से ऐसा न हो कि वह मेरे पवित्रस्थानों को अपवित्र करे; क्योंकि मैं उनका पवित्र करने वाला यहोवा हूं।
24 इसलिये मूसा ने हारून और उसके पुत्रों को तथा कुल इस्त्राएलियों को यह बातें कह सुनाईं॥