15 और इस बात को स्मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में दास था, और तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे छुड़ा लिया; इस कारण मैं आज तुझे यह आज्ञा सुनाता हूं।
16 और यदि वह तुझ से ओर तेरे घराने से प्रेम रखता है, और तेरे संग आनन्द से रहता हो, और इस कारण तुझ से कहने लगे, कि मैं तेरे पास से न जाऊंगा;
17 तो सुतारी ले कर उसका कान किवाड़ पर लगाकर छेदना, तब वह सदा तेरा दास बना रहेगा। और अपनी दासी से भी ऐसा ही करना।
18 जब तू उसको अपने पास से स्वतंत्र करके जाने दे, तब उसे छोड़ देना तुझ को कठिन न जान पड़े; क्योंकि उसने छ: वर्ष दो मजदूरों के बराबर तेरी सेवा की है। और तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सारे कामों में तुझ को आशीष देगा॥
19 तेरी गायों और भेड़-बकरियों के जितने पहिलौठे नर हों उन सभों को अपने परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र रखना; अपनी गायों के पहिलौठों से कोई काम न लेना, और न अपनी भेड़-बकरियों के पहिलौठों का ऊन कतरना।
20 उस स्थान पर जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा तू यहोवा के साम्हने अपने अपने घराने समेत प्रति वर्ष उसका मांस खाना।
21 परन्तु यदि उस में किसी प्रकार का दोष हो, अर्थात वह लंगड़ा वा अन्धा हो, वा उस में किसी और ही प्रकार की बुराई का दोष हो, तो उसे अपने परमेश्वर यहोवा के लिये बलि न करना।