17 जब तक दिन ठण्डा न हो और छाया लम्बी होते होते मिट न जाए, तब तक हे मेरे प्रेमी उस चिकारे वा जवान हरिण के समान बन जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है।
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देखें संदर्भ में श्रेष्ठगीत 2:17