3 वरन उन दोनों से अधिक सुभागी वह है जो अब तक हुआ ही नहीं, न ये बुरे काम देखे जो संसार में होते हैं॥
पूरा अध्याय पढ़ें सभोपदेशक 4
देखें संदर्भ में सभोपदेशक 4:3