1 कुरिन्थियों 10:22-28 HHBD

22 क्या हम प्रभु को रिस दिलाते हैं ?क्या हम उस से शक्तिमान हैं?

23 सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं: सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नित नहीं।

24 कोई अपनी ही भलाई को न ढूंढे, वरन औरों की।

25 जो कुछ कस्साइयों के यहां बिकता है, वह खाओ और विवेक के कारण कुछ न पूछो।

26 क्योंकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।

27 और यदि अविश्वासियों में से कोई तुम्हें नेवता दे, और तुम जाना चाहो, तो जो कुछ तुम्हारे साम्हने रखा जाए वही खाओ: और विवेक के कारण कुछ न पूछो।

28 परन्तु यदि कोई तुम से कहे, यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है, तो उसी बताने वाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ।