1 कुरिन्थियों 4:6-12 HHBD

6 हे भाइयों, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा, दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना।

7 क्योंकि तुझ में और दूसरे में कौन भेद करता है? और तेरे पास क्या है जो तू ने (दूसरे से) नहीं पाया: और जब कि तु ने (दूसरे से) पाया है, तो ऐसा घमण्ड क्यों करता है, कि मानों नही पाया?

8 तुम तो तृप्त हो चुके; तुम धनी हो चुके, तुम ने हमारे बिना राज्य किया; परन्तु भला होता कि तुम राज्य करते कि हम भी तुम्हारे साथ राज्य करते।

9 मेरी समझ में परमेश्वर ने हम प्रेरितों को सब के बाद उन लोगों की नाईं ठहराया है, जिन की मृत्यु की आज्ञा हो चुकी हो; क्योंकि हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये एक तमाशा ठहरे हैं।

10 हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं।

11 हम इस घड़ी तक भूखे-प्यासे और नंगे हैं, और घूंसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं;

12 और अपने ही हाथों से काम करके परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं।