1 कुरिन्थियों 5:1-7 HHBD

1 यहां तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक मनुष्य अपने पिता की पत्नी को रखता है।

2 और तुम शोक तो नहीं करते, जिस से ऐसा काम करने वाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता, परन्तु घमण्ड करते हो।

3 मैं तो शरीर के भाव से दूर था, परन्तु आत्मा के भाव से तुम्हारे साथ होकर, मानो उपस्थिति की दशा में ऐसे काम करने वाले के विषय में यह आज्ञा दे चुका हूं।

4 कि जब तुम, और मेरी आत्मा, हमारे प्रभु यीशु की सामर्थ के साथ इकट्ठे हो, तो ऐसा मनुष्य, हमारे प्रभु यीशु के नाम से।

5 शरीर के विनाश के लिये शैतान को सौंपा जाए, ताकि उस की आत्मा प्रभु यीशु के दिन में उद्धार पाए।

6 तुम्हारा घमण्ड करना अच्छा नहीं; क्या तुम नहीं जानते, कि थोड़ा सा खमीर पूरे गूंधे हुए आटे को खमीर कर देता है।

7 पुराना खमीर निकाल कर, अपने आप को शुद्ध करो: कि नया गूंधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अखमीरी हो, क्योंकि हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ है।