2 कुरिन्थियों 12:8-14 HHBD

8 इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए।

9 और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।

10 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्त होता हूं॥

11 मैं मूर्ख तो बना, परन्तु तुम ही ने मुझ से यह बरबस करवाया: तुम्हें तो मेरी प्रशंसा करनी चाहिए थी, क्योंकि यद्यपि मैं कुछ भी नहीं, तौभी उन बड़े से बड़े प्रेरितों से किसी बात में कम नहीं हूं।

12 प्रेरित के लक्षण भी तुम्हारे बीच सब प्रकार के धीरज सहित चिन्हों, और अद्भुत कामों, और सामर्थ के कामों से दिखाए गए।

13 तुम कौन सी बात में और कलीसियाओं कम थे, केवल इस में कि मैं ने तुम पर अपना भार न रखा: मेरा यह अन्याय क्षमा करो।

14 देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूं, और मैं तुम पर कोई भार न रखूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं, वरन तुम ही को चाहता हूं: क्योंकि लड़के-बालों को माता-पिता के लिये धन बटोरना न चाहिए, पर माता-पिता को लड़के-बालों के लिये।