10 और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है
11 और अन्धकार के निष्फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो।
12 क्योंकि उन के गुप्त कामों की चर्चा भी लाज की बात है।
13 पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योति है।
14 इस कारण वह कहता है, हे सोने वाले जाग और मुर्दों में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी॥
15 इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो।
16 और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।