2 अर्थात बूढ़े पुरूष, सचेत और गम्भीर और संयमी हों, और उन का विश्वास और प्रेम और धीरज पक्का हो।
पूरा अध्याय पढ़ें तीतुस 2
देखें संदर्भ में तीतुस 2:2