प्रकाशित वाक्य 14:15-20 HHBD

15 फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकल कर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकार कर कहा, कि अपना हंसुआ लगा कर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।

16 सो जो बादल पर बैठा था, उस ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ लगाया, और पृथ्वी की लवनी की गई॥

17 फिर एक और स्वर्गदूत उस मन्दिर में से निकला, जो स्वर्ग में है, और उसके पास भी चोखा हंसुआ था।

18 फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगा कर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है।

19 और उस स्वर्गदूत ने पृथ्वी पर अपना हंसुआ डाला, और पृथ्वी की दाख लता का फल काट कर, अपने परमेश्वर के प्रकोप के बड़े रस के कुण्ड में डाल दिया।

20 और नगर के बाहर उस रस के कुण्ड में दाख रौंदे गए, और रस कुण्ड में से इतना लोहू निकला कि घोड़ों के लगामों तक पहुंचा, और सौ कोस तक बह गया॥