प्रकाशित वाक्य 8:6-12 HHBD

6 और वे सातों स्वर्गदूत जिन के पास सात तुरिहयां थी, फूंकने को तैयार हुए॥

7 पहिले स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और लोहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और पृथ्वी की एक तिहाई जल गई, और पेडों की एक तिहाई जल गई, और सब हरी घास भी जल गई॥

8 और दूसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, तो मानो आग सा जलता हुआ एक बड़ा पहाड़ समुद्र में डाला गया; और समुद्र का एक तिहाई लोहू हो गया।

9 और समुद्र की एक तिहाई सृजी हुई वस्तुएं जो सजीव थीं मर गई, और एक तिहाई जहाज नाश हो गया॥

10 और तीसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और एक बड़ा तारा जो मशाल की नाईं जलता था, स्वर्ग से टूटा, और नदियों की एक तिहाई पर, और पानी के सोतों पर आ पड़ा

11 और उस तोर का नाम नागदौना कहलाता है, और एक तिहाई पानी नागदौना सा कड़वा हो गया, और बहुतेरे मनुष्य उस पानी के कड़वे हो जाने से मर गए॥

12 और चौथे स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और सूर्य की एक तिहाई, और चान्द की एक तिहाई और तारों की एक तिहाई पर आपत्ति आई, यहां तक कि उन का एक तिहाई अंग अन्धेरा हो गया और दिन की एक तिहाई में उजाला न रहा, और वैसे ही रात में भी॥