5 सो बन्दीगृह में पतरस की रखवाली हो रही थी; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी।
6 और जब हेरोदेस उसे उन के साम्हने लाने को था, तो उसी रात पतरस दो जंजीरों से बन्धा हुआ, दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था: और पहरूए द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे।
7 तो देखो, प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ: और उस कोठरी में ज्योति चमकी: और उस ने पतरस की पसली पर हाथ मार के उसे जगाया, और कहा; उठ, फुरती कर, और उसके हाथ से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं।
8 तब स्वर्गदूत ने उस से कहा; कमर बान्ध, और अपने जूते पहिन ले: उस ने वैसा ही किया, फिर उस ने उस से कहा; अपना वस्त्र पहिनकर मेरे पीछे हो ले।
9 वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था, कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, वह सचमुच है, वरन यह समझा, कि मैं दर्शन देख रहा हूं।
10 तब वे पहिल और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुंचे, जो नगर की ओर है; वह उन के लिये आप से आप खुल गया: और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, इतने में स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया।
11 तब पतरस ने सचेत होकर कहा; अब मैं ने सच जान लिया कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी।