प्रेरितों के काम 19:26-32 HHBD

26 और तुम देखते और सुनते हो, कि केवल इफिसुस ही में नहीं, वरन प्राय: सारे आसिया में यह कह कहकर इस पौलुस ने बहुत लोगों को समझाया और भरमाया भी है, कि जो हाथ की कारीगरी है, वे ईश्वर नहीं।

27 और अब केवल इसी एक बात का ही डर नहीं, कि हमारे इस धन्धे की प्रतिष्ठा जाती रहेगी; वरन यह कि महान देवी अरितमिस का मन्दिर तुच्छ समझा जाएगा और जिसे सारा आसिया और जगत पूजता है उसका महत्व भी जाता रहेगा।

28 वे यह सुनकर क्रोध से भर गए, और चिल्ला चिल्लाकर कहने लगे, इिफिसयों की अरितमिस महान है!

29 और सारे नगर में बड़ा कोलाहल मच गया और लोगों ने गयुस और अरिस्तरखुस मकिदुनियों को जो पौलुस के संगी यात्री थे, पकड़ लिया, और एकिचत्त होकर रंगशाला में दौड़ गए।

30 जब पौलुस ने लोगों के पास भीतर जाना चाहा तो चेलों ने उसे जाने न दिया।

31 आसिया के हाकिमों में से भी उसके कई मित्रों ने उसके पास कहला भेजा, और बिनती की, कि रंगशाला में जाकर जोखिम न उठाना।

32 सो कोई कुछ चिल्लाया, और कोई कुछ; क्योंकि सभा में बड़ी गड़बड़ी हो रही थी, और बहुत से लोग तो यह जानते भी नहीं थे कि हम किस लिये इकट्ठे हुए हैं।