प्रेरितों के काम 27:23-29 HHBD

23 क्योंकि परमेश्वर जिस का मैं हूं, और जिस की सेवा करता हूं, उसके स्वर्गदूत ने आज रात मेरे पास आकर कहा।

24 हे पौलुस, मत डर; तुझे कैसर के साम्हने खड़ा होना अवश्य है: और देख, परमेश्वर ने सब को जो तेरे साथ यात्रा करते हैं, तुझे दिया है।

25 इसलिये, हे सज्ज़नों ढाढ़स बान्धो; क्योंकि मैं परमेश्वर की प्रतीति करता हूं, कि जैसा मुझ से कहा गया है, वैसा ही होगा।

26 परन्तु हमें किसी टापू पर जा टिकना होगा॥

27 जब चौदहवीं रात हुई, और हम अद्रिया समुद्र में टकराते फिरते थे, तो आधी रात के निकट मल्लाहों ने अटकल से जाना, कि हम किसी देश के निकट पहुंच रहे हैं।

28 और थाह लेकर उन्होंने बीस पुरसा गहरा पाया और थोड़ा आगे बढ़कर फिर थाह ली, तो पन्द्रह पुरसा पाया।

29 तब पत्थरीली जगहों पर पड़ने के डर से उन्होंने जहाज की पिछाड़ी चार लंगर डाले, और भोर का होना मनाते रहे।