3 मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं।
4 और जब कभी तुम सब के लिये बिनती करता हूं, तो सदा आनन्द के साथ बिनती करता हूं।
5 इसलिये, कि तुम पहिले दिन से लेकर आज तक सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहभागी रहे हो।
6 और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।
7 उचित है, कि मैं तुम सब के लिये ऐसा ही विचार करूं क्योंकि तुम मेरे मन में आ बसे हो, और मेरी कैद में और सुसमाचार के लिये उत्तर और प्रमाण देने में तुम सब मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी हो।
8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं।
9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।