मत्ती 23:18-24 HHBD

18 फिर कहते हो कि यदि कोई वेदी की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु जो भेंट उस पर है, यदि कोई उस की शपथ खाए तो बन्ध जाएगा।

19 हे अन्धों, कौन बड़ा है, भेंट या वेदी: जिस से भेंट पवित्र होता है?

20 इसलिये जो वेदी की शपथ खाता है, वह उस की, और जो कुछ उस पर है, उस की भी शपथ खाता है।

21 और जो मन्दिर की शपथ खाता है, वह उस की और उस में रहने वालों की भी शपथ खाता है।

22 और जो स्वर्ग की शपथ खाता है, वह परमेश्वर के सिहांसन की और उस पर बैठने वाले की भी शपथ खाता है॥

23 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते।

24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो।