46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
47 जो वहां खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुनकर कहा, वह तो एलिय्याह को पुकारता है।
48 उन में से एक तुरन्त दौड़ा, और स्पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया।
49 औरों ने कहा, रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।
50 तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिए।
51 और देखो मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया: और धरती डोल गई और चटानें तड़क गईं।
52 और कब्रें खुल गईं; और सोए हुए पवित्र लोगों की बहुत लोथें जी उठीं।