46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते?
पूरा अध्याय पढ़ें मत्ती 5
देखें संदर्भ में मत्ती 5:46