1 और वह आराधनालय में फिर गया; और वहां एक मनुष्य था, जिस का हाथ सूख गया था।
2 और वे उस पर दोष लगाने के लिये उस की घात में लगे हुए थे, कि देखें, वह सब्त के दिन में उसे चंगा करता है कि नहीं।
3 उस ने सूखे हाथ वाले मनुष्य से कहा; बीच में खड़ा हो।
4 और उन से कहा; क्या सब्त के दिन भला करना उचित है या बुरा करना, प्राण को बचाना या मारना? पर वे चुप रहे।