13 ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्ज़ा का फेन उछालते हैं: ये डांवाडोल तारे हैं, जिन के लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है।
14 और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की, कि देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया।
15 कि सब का न्याय करे, और सब भक्तिहीनों को उन के अभक्ति के सब कामों के विषय में, जो उन्होंने भक्तिहीन होकर किये हैं, और उन सब कठोर बातों के विषय में जो भक्तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।
16 ये तो असंतुष्ट, कुड़कुड़ाने वाले, और अपने अभिलाषाओं के अनुसार चलने वाले हैं; और अपने मुंह से घमण्ड की बातें बोलते हैं; और वे लाभ के लिये मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं॥
17 पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहिले कह चुके हैं।
18 वे तुम से कहा करते थे, कि पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करने वाले होंगे, जो अपनी अभक्ति के अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
19 ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं।