याकूब 1:5-11 HHBD

5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।

6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।

7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।

8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है॥

9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्ड करे।

10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल की नाईं जाता रहेगा।

11 क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।