यूहन्ना 10:21-27 HHBD

21 औरों ने कहा, ये बातें ऐसे मनुष्य की नहीं जिस में दुष्टात्मा हो: क्या दुष्टात्मा अन्धों की आंखे खोल सकती है?

22 यरूशलेम में स्थापन पर्व हुआ, और जाड़े की ऋतु थी।

23 और यीशु मन्दिर में सुलैमान के ओसारे में टहल रहा था।

24 तब यहूदियों ने उसे आ घेरा और पूछा, तू हमारे मन को कब तक दुविधा में रखेगा? यदि तू मसीह है, तो हम से साफ कह दे।

25 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं ने तुम से कह दिया, और तुम प्रतीति करते ही नहीं, जो काम मैं अपने पिता के नाम से करता हूं वे ही मेरे गवाह हैं।

26 परन्तु तुम इसलिये प्रतीति नहीं करते, कि मेरी भेड़ों में से नहीं हो।

27 मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।