15 और मैं तुम्हारे कारण आनन्दित हूं कि मैं वहां न था जिस से तुम विश्वास करो, परन्तु अब आओ, हम उसके पास चलें।
16 तब थोमा ने जो दिदुमुस कहलाता है, अपने साथ के चेलों से कहा, आओ, हम भी उसके साथ मरने को चलें।
17 सो यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
18 बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
19 और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्ति देने के लिये आए थे।
20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।