यूहन्ना 5:31-37 HHBD

31 यदि मैं आप ही अपनी गवाही दूं; तो मेरी गवाही सच्ची नहीं।

32 एक और है जो मेरी गवाही देता है, और मैं जानता हूँ कि मेरी जो गवाही देता है वह सच्ची है।

33 तुम ने यूहन्ना से पुछवाया और उस ने सच्चाई की गवाही दी है।

34 परन्तु मैं अपने विषय में मनुष्य की गवाही नहीं चाहता; तौभी मैं ये बातें इसलिये कहता हूं, कि तुम्हें उद्धार मिले।

35 वह तो जलता और चमकता हुआ दीपक था; और तुम्हें कुछ देर तक उस की ज्योति में, मगन होना अच्छा लगा।

36 परन्तु मेरे पास जो गवाही है वह यूहन्ना की गवाही से बड़ी है: क्योंकि जो काम पिता ने मुझे पूरा करने को सौंपा है अर्थात यही काम जो मैं करता हूं, वे मेरे गवाह हैं, कि पिता ने मुझे भेजा है।

37 और पिता जिस ने मुझे भेजा है, उसी ने मेरी गवाही दी है: तुम ने न कभी उसका शब्द सुना, और न उसका रूप देखा है।